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टपक सिंचाई, प्लास्टिक मल्चिंग एवं संरक्षित खेती की उपयोगिता पर दो दिवसीय प्रशिक्षण

सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र (पी.एफ.डी.सी.), नेशनल कमेटी ऑन प्लास्टिकल्चर एप्लीकेशन इन हार्टीकल्चर (एन.सी.पी.ए.एच.) भारत सरकार, आई.सी.ए.आर.-सी.आई.एस.एच., रहमानखेड़ा, लखनऊ के डा. वी. के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं पी.आई., पी.एफ.डी.सी द्वारा बड़ोखर ब्लाक, बाँदा के प्रशिक्षण सभागार में टपक सिंचाई, प्लास्टिक मलि्ंचग एवं संरक्षित खेती की उपयोगिता पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बाँदा जिले के विभिन्न ब्लाकों से आये प्रगतिशील किसान शिव नारायण सिंह, इन्द्रवीर सिंह, शरीफ खाँ, गिरिराज कुमार दीक्षित, सन्तोष कुमार तिवारी सहित लगभग 63 किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के अवसर पर डा. वी. के. सिंह ने बागवानी, टपक सिंचाई प्रणाली एवं संरक्षित खेती के महत्व को बताते हुए यह भी बताया कि पॉलीहाउस तकनीक अपनाने से पौधों के दैहिकीय गुणों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। जिले के उपनिदेशक, उद्यान श्री लक्खी सिंह एवं जिला उद्यान अधिकारी श्री परवेज़ खान ने प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के लिए चलायी जा रही लाभकारी योजनाओं से किसानों को अवगत कराया। पी.एफ.डी.सी. लखनऊ से श्री अनुराग सिंह एवं डा. मनोज कुमार सोनी ने प्रोजेक्टर के माध्यम से किसानों को बागवानी की नई तकनीकों की जानकारी दी और जल संरक्षण को ध्यान में रखकर टपक सिंचाई और मल्चिंग का उपयोग कर कम से कम पानी से सिंचाई करने की बात कही। उसके बाद किसानों द्वारा किये गये प्रश्नों का उत्तर विशेषज्ञों द्वारा दिया गया। श्री नीरज कुमार शुक्ला ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय के उद्यान निरीक्षक श्री लक्ष्मी प्रसाद सहित कार्यालय के समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।